देहरा विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा उन्हें टिकट न दिए जाने के बाद पार्टी नेता राजेश शर्मा ने संकेत दिया कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं। यह फैसला कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को देहरा विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित करने के बाद लिया गया है। शर्मा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। उन्होंने अपने अगले कदमों की योजना बनाने के लिए बुधवार को अपने समर्थकों के साथ बैठक की। हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट आ सकता है शर्मा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा से कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए।
उन्होंने अपने अगले कदमों की योजना बनाने के लिए बुधवार को अपने समर्थकों के साथ बैठक की। अपने समर्थकों से बात करते हुए शर्मा ने देहरा के लोगों के प्रति अपने समर्पण पर जोर देते हुए कहा, "मैं सत्ता नहीं चाहता, लेकिन मैं देहरा के लोगों को निराश नहीं कर सकता।" बैठक के दौरान कांग्रेस नेता भावुक हो गए और अपनी निराशा और हताशा व्यक्त की। उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई, जिसके कारण उन्हें देहरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर उनकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। कमलेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाने के फैसले से कांग्रेस में विवाद खड़ा हो गया है।
अगर शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो इससे पार्टी के लिए चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। देहरा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 10 जुलाई को होने हैं। इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए सुखू सरकार को 'पति-पत्नी सरकार' करार दिया। प्रदेश भाजपा महासचिव बिहारी लाल शर्मा ने सीएम पर बेईमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि सुखू ने पहले दावा किया था कि उन्हें टिकट नहीं चाहिए, लेकिन अब उनकी पत्नी देहरा से चुनाव लड़ रही हैं। शर्मा ने कहा, 'सीएम के काम उनके शब्दों के उलट हैं और वह जो कहते हैं, उसके विपरीत काम करते हैं।'